[PDF] सुन्दरकाण्ड पाठ हिंदी अर्थ सहित | Sunderkand in Hindi PDF

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इस पाठ में विशेष रूप से हनुमान जी के महान कार्यो को दर्शाया गया है| यह पाठ रामायण का ही एक भाग है इसीलिए इसकी रचना बाल्मीकि द्वारा की गई है| रामायण में सुन्दरकाण्ड पाठ को काफी महत्वपूर्ण माना गया है| इस पाठ में हनुमान जी का लंका में प्रस्थान, विभीषण से भेट, सीता माता से भेट, अशोक वाटिका नष्ट तथा लंका दहन आदि सब आते है|

Sundarkand in Hindi PDF

सुन्दरकाण्ड पाठ में हनुमान जी के महान कार्यो का विशेष रूप से वर्णन किया गया है| जब सीता माता को लंकापति रावण उपहरण करके लंका ले आते है| तब राम भक्त श्री हनुमान सीता माता को खोजते-खोजते लंका की ओर जाने लगते है, तभी छाया नाम की एक राक्षसीं हनुमान जी के रास्तें में आ जाती है, फिर हनुमान जी उनसे युद्ध करके उनका वध कर देते है, और लंका के लिए प्रस्थान कर देते है| जब हनुमान जी लंका में पहुचते है तो लंका के मुख्य द्वार पर फिर से एक राक्षसीं से सामना करना परता है| और उनका भी वध करके श्री हनुमान जी लंका में परवेश कर जाते है|

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जब हनुमान जी लंका में पहुचें तो उन्होंने पाया की सीता-माता को बंदी बनाकर रखा गया है तथ उनके चारों ओर बहुत सारे राक्षसीं पहाड़ा दे रही है| फिर हनुमान जी माता-सीता से भेट करती है और उनको बताते है कि मैं श्री राम भक्त हनुमान हूं| लकिन सीता-माता को यह विश्वास नहीं होता है और कहने लगती है नहीं तुम कोई राक्षस हो और हमसे कोई उपहास कर रहे हो| तभी श्री राम भक्त हनुमान सीता-माता को चिन्ह के रूप में मुद्रा दिखाते है और सीता माता कहने लगती है कि ये तो हमारें राज्य की मुद्रा है और राम भक्त श्री राम पर सीता-माता विश्वास कर लेती है| और यह संदेश श्री राम को देते है यह सुनकर श्री राम बहुत खुश होते है|

इसी बीच हनुमान जी का भेट विभीषण से होता है और विभीषण हनुमान जी को पहचान लेते है| जब हनुमान जी को भूख लगती है तो वह अशोक वाटिका के फल को खाना शुरू कर देते है और महाराजा रावण के सैनिक हनुमान जी को देख लेते है| तथ यह संदेश महाराजा रावण तक जाता है और हनुमान जी को बंदी बनाने का आदेश देते है| महाराजा रावण के अनेकों सैनिक आते है हनुमान जी युद्ध करने लेकिन सारे पराजय हो जाते है, और फिर बाद में महाराजा रावण का पुत्र आता है, अंत में अंक भी वध हो जाता है| यह देख लंकापति रावण बहुत क्रिधित हो जाते है और श्री राम भक्त हनुमान जी को बंदी बनाने का आदेश देते है|

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महाराजा के अनेकों सैनिक हनुमान जी को बंदी बनाने आते है लेकिन सब असफल रहते है| अंत में हनुमान जी खुद बंदी बन जाते है और हनुमान जी को महाराजा के दरवार में पेश किया जाता है| लंकापति रावण बिना कोई बात सुने फैसला सुना देते है कि हनुमान की पूछ में आग लगा दिया जाये| इस बात से सारी लंका नगरी खुश होते है| फिर हनुमान जी के पूछ पर आग लगाने के लिए कपड़ बंधकर उसमें आग लगा दिया गया| हनुमान जी पूछ में आग लेके पुरे लंका नगरी के चारों और चक्कर लगाने लगा और लंका नगरी को जलाने लगा| तथा महाराजा रावण के सामने उनका स्वण की लंका जलकर भष्म हो गया|

हनुमान जी का ये सारे महान कार्य सुन्दरकाण्ड में लिखा गया है, यदि आप इसे पीडीऍफ़ के रूप में चाहते है तो नीचे दिए गए डाउनलोड बटन की मदत से फ्री में डाउनलोड कर सकते है|

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Sunderkand in Hindi PDF : Overview

PDF NameSunderkand in Hindi PDF
LanguageHindi
QualityExcellent

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